किसीकी क्या मजाल जो खरीद सकता हमको, वो तो हम ही बिक गये खरीददार देख के! पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। मैं भी तुम�
किसीकी क्या मजाल जो खरीद सकता हमको, वो तो हम ही बिक गये खरीददार देख के! पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। मैं भी तुम�